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Creating future on liberally expanding rational thinking. A mind fixated to past self destructs.

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छलावरण


निराशावादी तो मैं भी नहीं हूँ किन्तु मेरी सोच में एक बात  पैठ गयी है की अतीव अतिवादी विचारधाराएँ (वामपंथी हों  या दक्षिणपंथी) देश के लिए आज सबसे बड़ी चुनौती बन गया है. इन तत्वों की जीत का रास्ता बन्दुक से नही बल्कि  कैसे भी देश में अराजकता फ़ैलाने में है. वर्तमान शासन प्रणाली को, जनता की नज़रों में गिरा देना उनका सब से बड़ा कदम होगा. और कहीं  भी कम्बोडिया, विएतनाम,चीन, ईरान, अफगानिस्तान  में बन्दूको से तो सिर्फ अंतिम धमाके किये गए, शासन तो अराजकता फैला कर ही पलटा गया. और किया जाता है.

हम सब को विशेष रूप से सरकार को ये सुनिश्चित करते रहना होगा की ऐसे निरापद दिखने वाले आन्दोलन किसी बड़ी सोची  समझी चाल का हिस्सा तो नहीं. मंच पे जन सम्रथन का आनंद उठाते नव नेताओं को भी कहीं  भ्रम से कोई अपने बड़े नाटक का पात्र तो नहीं बना रहा. ये तत्त्व सक्रिय हैं और वो ऐसे  छलावरण  से घातक प्रहार भी कर सकते हैं.

मैं चाहूँगा मेरी समझ गलत रहे.

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